स्कूलों में परीक्षाओं का समय नजदीक आ रहा है और सरकारी स्कूलों में गुरुजी हीं नहीं हैं। मिडल और हाई स्कूलों में शिक्षकों के 36 फीसदी तक पद खाली है। स्कूलों में हिंदी, अंग्रेजी, मैथ और साइंस पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं है।
शिक्षा विभाग की रिपोर्ट खुद ये हाल बयां कर रही है। हालात ये है कि गांवों में सरकारी स्कूलों में खाली पदों पर शिक्षक भेजने के लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के पास रोजाना 4 से 5 आवेदन आ रहे हैं।
- खुद सरपंच और ग्रामीण पहुंच रहे हैं। हालात ये है कि सिफारिश तक लगाई जा रही है कि सप्ताह में दो दिन ही शिक्षक को भेज दिया जाए।
मिडिल और हाई स्कूलों में जहां शिक्षकों के पद खाली हैं, वहीं प्राइमरी स्कूलों में जेबीटी 13 फीसदी तक सरप्लस है।