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देश की सबसे मूल्यवान कंपनी और मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने तेल-से-रसायन कारोबार के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में डिमर्जर की रूपरेखा का ऐलान किया है। इसके लिए कंपनी ने शेयरधारकों और ऋणदाताओं से मंजूरी मांगी है। कंपनी को उम्मीद है कि आगामी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही तक इसके लिए मंजूरी मिल जाएगी।

मुकेश अंबानी के इस कदम से कंपनी को सऊदी अरामको जैसे वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। एक्सचेंजेज को दी गई इसकी जानकारी में कंपनी ने कहा कि ऑयल-टु-केमिकल्स कारोबार के पुनर्गठन से उसे ओटुसी वैल्यू चेन में अवसरों का फायदा उठाने का मौका मिलेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज तेल-से-रसायन कारोबार के लिए अलग इकाई बना रही है। इस कदम से उसे रणनीतिक साझेदारों के साथ वृद्धि के अवसरों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इसके बाद से रिलायंस के शेयर में जोरदार उछाल जारी है। 2048 के स्तर पर खुलने के बाद यह आज सुबह 11.45 बजे 29.10 अंक (1.45 फीसदी) की तेजी के साथ 2037.20 के स्तर पर था। पिछले कारोबारी दिन यह 2008.10 के स्तर पर बंद हुआ था। मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 13.40 लाख करोड़ रुपये हैं। यानी बाजार पूंजीकरण के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी कंपनी है।

मालूम हो कि काफी समय से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको के साथ 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बातचीत कर रही थी। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से यह डील रुक गई थी। कंपनी के तेल-से-रसायन व्यवसाय का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर किया गया था। 15 जुलाई 2020 को हुई रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं एजीएम में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के चलते बनी अभूतपूर्व परिस्थितियों के चलते सऊदी अरामको के साथ प्रस्तावित डील समय से नहीं हो पा रही है। लेकिन हम सऊदी अरामको के साथ अपने दो दशक से ज्यादा के कारोबारी संबंधों का सम्मान करते हैं और उसके साथ लंबी अवधि की भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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