पूर्वी लद्दाख में कई महीनों से जारी भारत-चीन सीमा विवाद के बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बड़ा एलान किया है। आर्मी चीफ नरवणे ने कहा है कि भारतीय सेना केवल पूर्वी लद्दाख ही नहीं, बल्कि पूरी एलएसी पर उच्च स्तर की निगरानी रख रही है। सेना एलएसी पर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि चीनी सेना से हमारी कोर कमांडर स्तर की 8 दौर की बातचीत हो चुकी है। हम 9वें दौर की वार्ता का इन्तज़ार कर रहे हैं। उम्मीद है कि बातचीत के जरिए हम समाधान का रास्ता निकाल पाएंगे।
जनरल मनोज नरवणे ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ”लद्दाख में टकराव के मोर्चों पर स्थिति नहीं बदली है। उन्होंने कुछ सैनिक पिछले इलाकों से सैनिकों को कुछ कम किया है। सरकार का निर्देश साफ है। हम अपने मोर्चे पर डटे रहेंगे चाहे सर्दी हो या गर्मी हो। बातचीत के जरिए समाधान निकले इसका प्रयास होगा, लेकिन समाधान पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर ही होगा।” जनरल नरवणे ने आगे कहा, ”चीन के मूवमेंट को हम लगातार मोनिटरिंग कर रहे थे, लेकिन उन्हें फर्स्ट मूवर एडवांटेज था। पहले आने वाले को यह फायदा हमेशा होता है। स्वास्थ्य ज़रूरतों के मद्देनज़र स्थानीय कमांडरों को भी ज़रूरी अधिकार दिए गए हैं, ताकि स्थानीय स्तर पर ज़रूरी फैसले ले सकें और हम अपनी सैन्य तैयारियों को चुस्त और मुस्तैद रख सकें।
चीन धोखे से गल्वन जैसी गुस्ताखी ना कर दे इसके लिए सीडीएस बिपिन रावत खुद लद्दाख दौरे पर हैं, जहां वो सुरक्षा के बारे में जानकारी लेने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक चीन की तैनाती के हिसाब से भारत ने भी अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। सीडीएस रावत के अलावा वायुसेना चीफ आरकेएस भदौरिया ने भी कल अडवांस लैंडिंग ग्राउंड्स के बारे में जानकारी ली है।