घरेलू शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह बढ़त वाला रहा। आज सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को भी शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 122.08 अंक (0.24 फीसदी) की तेजी के साथ 51470.85 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 48.35 अंक यानी 0.32 फीसदी की बढ़त के साथ 15164.15 के स्तर पर खुला। शेयर बाजार में तेजी का यह सातवां दिन है। पिछले छह दिनों में निवेशकों की संपत्ति में 16.70 लाख करोड़ रुपये का बढ़ेतरी हुई है। बाजार में एक फरवरी को पेश बजट के दिन से तेजी बनी हुई है। एक फरवरी से बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 16,70,154.05 करोड़ रुपये बढ़कर 2,02,82,798.08 करोड़ रुपये के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 5,063 अंक यानी 10.93 फीसदी मजबूत हुआ है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा 28 नवंबर, 2014 को पार किया था। दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज शुरुआती कारोबार के दौरान आईओसी, सन फार्मा, इंफोसिस, बजाज फिनसर्व और एशियन पेंट्स के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं पावर ग्रिड, हीरो मोटोकॉर्प, जेएसडब्ल्यू स्टील, एसबीआई और श्री सीमेंट के शेयर लाल निशान पर खुले। सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर डालें, तो आज फार्मा और मीडिया के अतिरिक्त सभी सेक्टर्स की शुरुआत बढ़त पर हुई। इनमें बैंक, मेटल, फाइनेंस सर्विसेज, ऑटो, एफएमसीजी, आईटी, प्राइवेट बैंक, पीएसयू बैंक और रियल्टी शामिल हैं। विश्लेषकों ने कहा कि इस सप्ताह कोई बड़ा आर्थिक घटनाक्रम नहीं है, इसलिए कंपनियों के तिमाही परिणाम और वैश्विक संकेतक बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि बजट और रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा जैसे बड़े घटनाक्रम बीते चुके हैं। ऐसे में अब निवेशकों की धारणा फिर से बुनियादी कारक तय करेंगे। बीते सप्ताह बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में करीब 9.6 फीसदी का उछाल आया है। बजट और कंपनियों के तिमाही नतीजे अच्छे रहने से दीर्घावधि की दृष्टि से बाजार की धारणा सकारात्मक हुई है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि बीते सप्ताह जोरदार उछाल के बाद इस सप्ताह बाजार में कुछ ‘करेक्शन’ आ सकता है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘हमारा मानना है कि आगे चलकर बाजार का यह रुख कायम रहेगा। बाजार की दिशा कंपनियों के वित्तीय नतीजों जैसे बुनियादी कारकों से तय होगी। बजट के साथ कंपनियों के भविष्य के मजबूत अनुमानों से दीर्घावधि में बाजार के सकारात्मक ढांचे की पुष्टि होती है।