कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने शनिवार को तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत की। वह तीन दिन के दौरे पर तमिलनाडु पहुंचे हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत कोयंबटूर में रोड शो से की। इस दौरान उनके निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार ही रही। राज्य में अप्रैल या मई की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है।
खुली वैन में सवार राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े कारोबारियों के साथ साझेदारी कर ली है और वह सब कुछ बेच दिया जो लोगों का था। इसके बाद कारोबारियों से बातचीत में उन्होंने जीएसटी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह यूपीए सरकार का कमिटमेंट है कि जब हम सत्ता में आएंगे, तो जीएसटी को रीस्ट्रक्चर करेंगे। राहुल पहले भी कह चुके हैं कि मोदी सरकार ने सही तरीके से जीएसटी को लागू नहीं किया है। उन्होंने जीएसटी की नाकामी को जीडीपी में गिरावट की बड़ी वजह बताया था।
राहुल ने आरोप लगाया कि देश के तीन-चार बड़े कारोबारी प्रधानमंत्री मोदी के साझीदार हैं। वे उन्हें मीडिया और पैसा मुहैया कराते हैं। नरेंद्र मोदी एक के बाद एक सब कुछ बेच रहे हैं। जो भी किसानों का था, उसे तीन कानूनों की मदद से दूर किया जा रहा है। उन्हें बड़ी इंडस्ट्रीज का नौकर बनने की ओर धकेला जा रहा है।
भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी एक विशेष विचारधारा के खिलाफ लड़ रही है, जो यह मानती है कि सिर्फ एक संस्कृति, एक भाषा और एक विचार को भारत पर राज करना चाहिए। देश में सरकार चला रही पार्टी मानती है कि विकास के लिए इसके सभी फैक्टर्स को एक कर देना चाहिए। हम इस पर भरोसा नहीं करते। हमारा मानना है कि अगर तमिलनाडु भारत है तो भारत भी तमिलनाडु है।
रवाना होने से पहले राहुल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह और उनकी पार्टी भाजपा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के हमलों से अनूठे तमिल कल्चर की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे दोबारा तमिलनाडु जाने से बहुत खुश हैं। उन्होंने तमिल भाषा सीखने की ख्वाहिश जताते हुए कहा कि मैं तमिल भाषा का सम्मान करता हूं और शायद इसे सीखूंगा।