BHARAT VRITANT

केरल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में माकपा नीत सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) राज्यव्यापी जनसभाएं करने और जमीनी स्तर पर बैठकें करने की तैयारी कर रहा है। साथ ही, अपना जनाधार बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर मतदाताओं को रिझाने का अभियान जारी रखने की भी उसकी योजना है। एलडीएफ केरल में अपनी सरकार फिर से बनाने की उम्मीद कर रहा है। वह चुनाव प्रचार अभियान के तहत राज्य स्तरीय दो रैलियां निकालेगा। एक रैली सुदूर उत्तरी जिले कासरगोड से 13 फरवरी को निकाली जाएगी, जबकि दूसरी रैली अगले दिन राज्य के मध्य हिस्से में स्थित एर्नाकुलम जिले से निकाली जाएगी। पार्टी के प्रदेश प्रभारी सचिव ए विजयराघवन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि दोनों ही रैलियों में सभी तबके के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। ये रैलियां 26 फरवरी को त्रिशूर और तिरूवनंतपुरम में संपन्न होंगी। उन्होंने कहा कि एलडीएफ की आज यहां हुई बैठक में चुनाव घोषणापत्र तैयार करने का भी फैसला किया गया। पंचायत बूथ स्तर की बैठकें एक से पांच फरवरी तक होंगी।

वाम दल के नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने अपने राजनीतिक उद्देश्य को गंवा दिया है और वह धर्म आधारित राजनीतिक गठजोड़ कर राज्य में धर्मनिरपेक्षता को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अपने ”हिंदुत्व अतिवाद” के जरिए केरल का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। माकपा नेता ने कहा कि दिन-ब-दिन यह स्पष्ट हो रहा है कि यूडीएफ में दूसरा सबसे बड़ा घटक दल मुस्लिम लीग उसे (यूडीएफ को) नियंत्रित कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *