Bharat Vritant

भारत-चीन की सीमा पर तनाव के बीच खबर थी कि भारत, चीन की कंपनियों को निवेश की मंजूरी दे रहा है। लेकिन विदेश मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भारत में चीन के साथ किसी भी तरह के निवेश को मंजूरी देने पर कोई विचार नहीं कर रहा है। अधिकारियों ने रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से गलत बताकर खारिज कर दिया। अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने किसी भी तरह के चीनी निवेश को कोई मंजूरी नहीं दी है। सोमवार को एक विदेशी चैनल के हवाले से खबर आई थी कि भारत चीन से जुड़ी लगभग 45 निवेश प्रस्तावों की मंजूरी पर विचार कर रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने तीन विदेशी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है जो हांगकांग से जुड़े हैं। इनमें से दो जापानी कंपनियों के निवेश हैं और तीसरा एनआरआई ग्रुप से जुड़ा निवेश है।

साथ ही अधिकारी ने कहा कि भारत मानता है कि सीमा पर शांति द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने लिए महत्वपूर्ण है। फिलहाल दोनों सेनाओं ने अपने स्तर पर सीमा पर शांति बहाल करने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं। इस बार चीन के कदमों को लेकर सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करेगी, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के अगले कदम क्या होंगे, इस पर सरकार पूरी तरह से नजर बनाए हुए है। वहीं, भारत ने चीन पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, उनको हटाने में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। सरकार ने जिन तीन विदेशी निवेश को मंजूरी दी है, वह हांगकांग में स्थित कंपनियों के हैं। एफडीआई के तहत जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, वह गोह परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो सिंगापुर, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत हांगकांग के नागरिक हैं। सिटीजन वॉचेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को भी मंजूरी दी गई है जो जापान की कंपनी है।

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