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बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान को देखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य के सभी तटीय और आसपास के जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. ओडिशा के मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि राज्य पर यदि तूफान ‘यास’ (Yaas ) का कोई प्रभाव पड़ता है तो प्रशासन स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. महापात्र ने कहा, शुक्रवार को सभी लाइन विभागों, एनडीआरएफ, तटरक्षक बल, आईएनएस चिल्का, डीजी पुलिस और डीजी फायर सर्विस के साथ बैठक की गई. उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग जैसे बिजली कंपनियां, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण और शहरी जल आपूर्ति विभाग, ओडिशा डिजास्टर रिपॉन्स फोर्स और एनडीआरएफ टीमों को मैनपावर और जरूरी सामग्री के साथ तैयार रहने के लिए अलर्ट पर रखा गया है.

सुरेश महापात्र ने कहा कि ओडिशा प्रशासन तूफान से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा, ” अगले दो-तीन दिनों में चक्रवात के रास्ते के बारे में चीजें और स्पष्ट हो जाएंगी तो हम तय करेंगे कि हमें कहां और अधिक ध्यान केंद्रित करना है. आश्रय स्थलों और सुरक्षित भवनों के लिए पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ” वहीं, विशेष राहत आयुक्त प्रदीप के जेना ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल के दो हवाई जहाज और शिप समुद्र में गश्त कर रहे हैं ताकि राज्य में चक्रवात आने से पहले मछली पकड़ने वाली नौकाओं और जहाजों को तट पर आने में मदद मिल सके.

जेना ने कहा कि भारतीय नौसेना के जहाज चिल्का और भारतीय नौसेना के अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है और संभावित आपदा से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य सरकार के साथ संपर्क में हैं. जेना ने कहा कि एनडीआरएफ की 5 टीमें अब तक गुजरात से ओडिशा लौट चुकी हैं. एनडीआरएफ की 17 टीमें, ओडीआरएएफ की 20 बटालियन और फायर सर्विस की 100 टीमें राहत और बचाव अभियान के लिए तैयार हैं.

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान के अनुसार, 26 मई की सुबह तक तूफान के ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट पहुंच सकता है. राज्य सरकार ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल से भी संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है. वहीं, संभावित चक्रवात के कारण पेड़ों के गिरने पर हटाने के लिए के लिए वन विभाग को अलर्ट पर रखा गया है. बिजली वितरण कंपनियों आपदा खत्म होते ही बहाली का काम शुरू करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है.