जी समूह की कंपनियों से जुड़े 15 ठिकानों पर सोमवार को आयकर विभाग ने छापेमारी की है। जी समूह पर फर्जी बिल के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की छूट लेने का शक है। आयकर विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) से मिली सूचनाओं के आधार पर यह छापेमारी की जा रही है। जी समूह द्वारा कर चोरी के संदेह के बाद सुबह 11 बजे के करीब आयकर विभाग के अधिकारी जी समूह के लोअर परेल, वरली समेत विभिन्न ठिकानों पर पहुंचे और छानबीन शुरू की।

जी समूह की ओर से जारी बयान में कार्रवाई की पुष्टि करते हुए दावा किया गया है कि यह छापा नहीं बल्कि सर्वे है। जी समूह के प्रवक्ता के मुताबिक आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी के मुंबई और दिल्ली स्थित ऑफिस में पहुंचे थे जहां उन्होंने कुछ जानकारियां मांगी। जी समूह के अधिकारियों ने यह जानकारियां मुहैया करा दीं हैं और जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। दरअसल वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) चोरी के मामले में विभाग ने पिछले कुछ समय से मुहिम चला रखी है। विभिन्न सूचनाओं के आधार पर 7 हजार कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है इनमें से 187 को गिरफ्तार भी किया गया है। यही वजह मानी जा रही है कि जीएसटी वसूली में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है और दिसंबर महीने में 1.15 करोड़ रुपए की जीएसटी प्राप्त हुई है।

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