पहले स्पिनरों का कमाल और फिर मैन ऑफ द मैच जोस बटलर (70) की बल्लेबाजी से राजस्थान ने सोमवार को आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स को 15 गेंद शेष रहते सात विकेट से हरा दिया। धोनी का आईपीएल में 200वां मैच यादगार नहीं बन पाया। सुपरकिंग्स के लिए सीजन का सबसे कम स्कोर बनाने के बाद जीत की उम्मीद करना भी बेईमानी था। पहले बल्लेबाजी चुनने वाली चेन्नई 5 विकेट पर 125 रन ही बना सकी थी। राजस्थान ने 28 रन पर तीन विकेट गंवाने के बाद जोस बटलर और स्टीव स्मिथ (नाबाद 26) के बीच 98 रन की अटूट साझेदारी से 17.3 ओवरों में जीत हासिल कर ली। बटलर ने 48 गेंदों की पारी में सात चौके और दो छक्के लगाए। तीन बार की चैंपियन रही चेन्नई की यह दस मैचों में सातवीं हार है और टीम सबसे निचले पायदान पर आ गई है। उस पर आईपीएल में पहली बार प्लेऑफ से बाहर होने का खतरा और भी गहरा गया है। छह बार की उपविजेता के केवल छह अंक हैं और और अगले चार मैचों में जीत पर भी उसकी प्लेऑफ में पहुंचने की संभावना किंतु-परंतु पर निर्भर करेगी। वहीं राजस्थान ने चौथी जीत के साथ 5वें स्थान पर पहुंचकर अपनी उम्मीदों को कायम रखा है। वैसे धोनी के धुरंधर आसानी से हार मानने वाले नहीं थे। दीपक चाहर (2/18 ) और जोश हेजलवुड (1/19 ) ने पहले नौ ओवरों में ही अपना कोटा पूरा कर दिया लेकिन इस बीच उन्होंने रॉयल्स के बल्लेबाजों पर कुछ हद तक अंकुश रखा। राजस्थान का बेन स्टोक्स (19) और रॉबिन उथप्पा (चार) से पारी की शुरुआत करवाना फिर गलत साबित हुआ। दोनों चौथे ओवर तक पवेलियन लौट चुके थे। संजू सैमसन खाता भी नहीं खोल पाए। धोनी ने बायीं तरफ डाइव लगाकर एक हाथ से कैच लिया। दो रन के अंदर तीन विकेट गंवाने से राजस्थान दबाव में आ गया। स्मिथ और बटलर ने सहजता से पारी आगे बढ़ाई। रन बनाने का जिम्मा वैसे भी बटलर ने उठा रखा था। शार्दुल ठाकुर पर लगाया गया उनका छक्का दर्शनीय था। बटलर ने 37 गेंदों पर अर्द्धशतक पूरा किया। रॉयल्स की इस जीत की नींव उसके गेंदबाजों ने रखी। जोफ्रा आर्चर ने (1/20) जबकि उसके दोनों स्पिनरों श्रेयस गोपाल (1/14 ) और राहुल तेवतिया (1/18 ) ने मिलाकर आठ ओवर में 32 रन देकर दो विकेट लिए और चेन्नई के बल्लेबाजों को दबाव में रखा। फॉफ डु प्लेसिस तीसरे ओवर में दस रन बनाकर आउट हो गए। सैम कुरेन ने 25 गेंदों पर 22 रन बनाए। रायडू (13) ने भी निराश किया। पहले दस ओवरों में टीम का स्कोर चार विकेट पर 56 रन था। पांचवें विकेट पर रविंद्र जडेजा (35) और कप्तान धोनी (28) ने 51 रन जोड़े। चेन्नई की बल्लेबाजी का यह आलम था कि छठे से 13वें ओवर के बीच कोई चौका नहीं लगा था। पिछले छह साल में ऐसा पहली बार हुआ। इससे पहले 2014 में राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच मैच में ऐसा हुआ था।