BHARAT VRITANT

भारतीय टीम ने ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से हराकर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत हासिल कर। मेजबान टीम को लगातार दूसरी बार उसी के घर पर हराकर टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। इस मैच में बिना अनुभवी गेंदबाजों के उतरी टीम ने भी जोरदार जीत हासिल की। मुकाबले के टीम के 5 ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने अपने प्रदर्शन से मैच का रुख बदल दिया।

वॉशिंग्टन सुंदर ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में बनाए 369 रन के जवाब में पहली पारी में भारतीय टीम ने महज 186 रन पर 6 विकेट गंवा दिए थे। ऐसे में मेजबान टीम बड़ी बढ़त हासिल करने की तरफ बढ़ रही थी। वॉशिंग्टन सुंदर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक ऐसी पारी खेली जिसने मैच में भारत की वापसी कराई। 144 गेंद पर 62 रन बनाते हुए टीम के लिए शार्दुल के साथ 123 रन की साझेदारी निभाते हुए भारत को 336 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। सुंदर ने पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट भी चटकाए थे।

पहली पारी में शार्दुल ने सुंदर का साथ निभाया और ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में बड़ी बढ़त लेने से रोका। पहली पारी में उस खिलाड़ी ने 115 गेंद पर 67 रन की पारी खेली। इस पारी के दम पर भारत ने 336 रन का स्कोर बनाने में कामयाबी पाई। इस पारी के बाद शार्दुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरी पारी में चार अहम विकेट चटकाते हुए टीम की कमर तोड़ दी। इस धारदार गेंदबाजी की वजह से ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 300 रन के भीतर रोका।

महज दो टेस्ट का अनुभव लेकर ब्रिसबेन में भारतीय गेंदबाजी की कमान संभालने वाले सिराज ने ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम को दूसरी पारी में पवेलियन का रास्ता दिखाया। 72 रन देकर 5 विकेट हासिल कर इस गेंदबाज ने मेजबान को 294 रन के स्कोर पर रोक दिया। महज तीसरे मैच में ही एक पारी में पांच विकेट लेकर सिराज ने सीरीज में भारत के जीत की राह तैयार की।

ऑस्ट्रेलिया से मिले 328 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम के जीत की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। आखिरी दिन रोहित शर्मा का विकेट जल्दी खोने के बाद भारत से ड्रॉ की उम्मीद जागी थी लेकिन शुभमन गिल ने तेज रफ्तार से बल्लेबाजी करते हुए पहले अर्शशतक बनाया और फिर 91 रन तक स्कोर को पहुंचाया। करियर के पहले शतक से गिल 9 रन से चूक गए लेकिन 146 गेंद पर 8 चौके और 2 छक्के की पारी ने भारत के जीत की उम्मीद पैदा कर दी।

पिछले मैच में आतिशी 97 रन की पारी खेलकर मैच को भारत की तरफ मोड़ने के बाद आउट होने वाल रिषभ पंत ने इस मैच में अपना काम पूरा किया। 167 रन के स्कोर कप्तान अजिंक्य रहाणे के आउट होने के बाद पंत ने मैदान पर कदम रखा और मैच को पूरा खत्म करके ही वापस लौटे। पंत ने शुरुआत में संभलकर विकेट बचाया और फिर आक्रामक तेवर दिखाते हुए मैच भारत के हक में कर दिया। 138 गेंद पर नाबाद 89 रन की पारी ने इतिहास रच दिया। भारत ने 328 रन का पीछा कर ब्रिसबेन में जीत हासिल की और 32 साल से ऑस्ट्रेलिया के चले आ रहे दबदबे को खत्म कर दिया।

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