भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने रणजी ट्रॉफी की जगह विजय हजारे ट्रॉफी और सीनियर महिला वनडे टूर्नामेंट के आयोजन का फैसला लिया है. इस बात की जानकारी बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने राज्य संघों को पत्र लिखकर दी है. इसके अलावा बीसीसीआई ने रणजी ट्रॉफी के दौरान मैच फीस के रूप में प्रतिदिन करीब 45000 रुपये की कमाई करने वाले घरेलू खिलाड़ियों को मुआवजा देने का फैसला किया है. रणजी ट्रॉफी में चार दिवसीय क्रिकेट खेली जाती है जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में एकदिवसीय मुकाबला होता है.
अगले सप्ताह स्थानों को अंतिम रूप दिया जाएगा और फरवरी के पहले सप्ताह में टीमें बायो-बबल में प्रवेश करेंगी. यह टूर्नामेंट करीब एक महीने तक चलेगा. बीसीसीआई के पास ज्यादा समय नहीं है क्योंकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मार्च के अंत तक शुरू हो सकता है. इस वजह से खिलाड़ियों को अपनी आईपीएल टीमों के लिए उपलब्ध होना पड़ेगा. इससे पहले बीसीसीआई इस बात को लेकर दुविधा में थी कि विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में किसका आयोजन किया जाए. इस बाबत उसने राज्य संघों से सुझाव मांगा था. अधिकतर राज्य संघों ने रणजी ट्रॉफी की जगह विजय हजारे ट्रॉफी को प्राथमिकता दी.
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव शाह रणजी ट्रॉफी का आयोजन चाहते थे क्योंकि इसमें खिलाड़ियों को अधिकतम मैच फीस (प्रति मैच करीब डेढ़ लाख रुपये) मिलती है , लेकिन कोरोना महामारी के बीच दो चरण में इसके आयोजन के लिये दो महीने का बायो-बबल बनाना संभव नहीं था. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने राज्य संघों को लिखे पत्र में कहा, ”मुझे यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि हम सीनियर महिला वनडे टूर्नामेंट , विजय हजारे ट्रॉफी और अंडर 19 वीनू मांकड़ ट्रॉफी का आयोजन कर रहे हैं. घरेलू सत्र 2020-21 को लेकर आपका फीडबैक मिलने के बाद यह फैसला लिया गया.”