BHARAT VRITANT

ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म की मनमानी के खिलाफ लोगों की प्रतिक्रिया अब सामने आने लगी है। बेहिसाब अश्लील दृश्यों और आपत्तिजनक कंटेंट का आरोप लगाते हुए लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि मोबाइल पर प्रसारित सामग्री की जांच के लिए सरकार को किसी नियामक संस्था का गठन करना चाहिए। अन्यथा जैसा विवाद ‘तांडव’ वेब सीरीज को लेकर हो रहा है, उस पर लगाम लगाना आसान नहीं होगा।

धार्मिक, जातिगत भावना को आहत करने वाले दृश्यों, संवादों का फिल्मांकन कर सनसनी फैलाकर ज्यादा से ज्यादा दर्शक जुटाना फिल्म उद्योग की परंपरा बनती जा रही है। दोषियों के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त विभिन्न ओटीटी प्लेटफार्म्स को सेंसरशिप के दायरे में लाया जाना जरूरी है। इसके लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

अभिभावक सिनेमाघर या टीवी पर प्रसारित फिल्मों पर तो नजर रख सकते हैं, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट पर नियंत्रण मुश्किल है। इसलिए बेहतर होगा कि सरकार इन प्लेटफार्म पर परोसी जाने वाली सामग्री में अश्लीलता और अन्य मसलों पर नियंत्रण करे। धार्मिक भावना से खिलवाड़ का अधिकार किसी को नहीं है। तांडव जैसी वेब सीरीज के निर्माता-निर्देशक ध्यान रखें कि ऐसे मुद्दे न लाएं जिन पर विवाद न खड़ा हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *