बिहार चुनाव के नतीजे सामने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। चुनाव में एनडीए गठबंधन को 125 सीटों के साथ बहुमत मिला है। नीतीश की पार्टी जदयू एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। वहीं, शिवसेना ने नीतीश कुमार पर फिर तंज कसते हुए कहा है कि उन्हें राज्य का सीएम बनाना मतदाता का अपमान करना और हारे हुए पहलवान को पदक दिलाने जैसा होगा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा, ‘नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है, लेकिन उन्हें भाजपा के निर्देशों के तहत काम करना होगा। इसमें कहा गया कि भाजपा और राजद वैचारिक रूप से दो अलग-अलग दल हैं। इन्हें राज्य में सर्वाधिक वोट हासिल हुए हैं। वहीं, जदयू ने लोगों को खारिज कर दिया है।’ संपादकीय में आगे लिखा गया, ‘ऐसे में नीतीश कुमार को राज्य का सीएम बनाना मतदाताओं के लिए अपमान जैसा होगा। यह समारोह एक पहलवान को पदक दिलाने के लिए होगा जो लड़ाई हार गया हो। वहीं, सामना में राजद नेता तेजस्वी यादव के बिहार की राजनीति में उदय को सराहा गया है। इसमें कहा गया है कि तेजस्वी को कुछ समय के लिए इंतजार करना चाहिए क्योंकि बिहार में भविष्य उनका ही है। दरअसल, संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा ने भले ही नंबर गेम जीत लिया हो, लेकिन असली विजेता 31 वर्षीय तेजस्वी यादव ही हैं। तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले गठबंधन ने जिस तरह एनडीए को टक्कर दी, उस पर टिप्पणी करते हुए सामना में कहा गया, तेजस्वी के रूप में सिर्फ बिहार को ही नहीं बल्कि पूरे देश को एक नया बोल्ड नेता मिला है जो अकेले लड़ाई लड़ते हुए शीर्ष पर पहुंच गया। इसमें कहा गया, वह भले ही नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने इस हार को स्वीकार नहीं किया और इस प्रक्रिया में, उनकी राजनीतिक छवि ने राज्य में उनके सभी विरोधियों को बाहर कर दिया।