उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर मचे हलचल के बीच मायावती ने सात बागी विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया है। इन विधायकों पर पार्टी के राज्य सभा उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने का आरोप है। इस संबंध में विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने अपनी रिपोर्ट मायावती को सौंपी थी। 

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समाजवादी पार्टी को हराने के लिए बीएसपी पूरी ताकत लगा देगी। 2019 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से हमारा गठबंधन जल्दबाजी में लिया गया फैसला था, जिसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सके। समाजवादी पार्टी भरोसा करने लायक नहीं है।हमारी पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक ताकतों से लडऩे के लिए समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाया था। इसका परिणाम अच्छा नहीं रहा। लोकसभा चुनाव के बाद तो समाजवादी पार्टी के नेताओं ने हमसे संवाद ही बंद कर दिया, जैसे हमको जानते ही नहीं होंगे। उनके इस रवैये के कारण हमने भी उनसे संबंध का पटाक्षेप कर दिया। 

मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी को सबक सिखाने के लिए भाजपा को वोट देना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगी। एमएलसी के चुनाव में बीएसपी जैसे को तैसा जवाब देने के लिए पूरा जोर लगाएगी। मायावती ने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश में आने वाले विधान परिषद के चुनाव में हम समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को बुरी तरह हराएंगे। इसके लिए हम तो अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। इसके लिए अगर हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी के प्रत्याशी को अपना वोट देना पड़े तो हम वो भी करेंगे।

राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी के विधायकों में हुई सेंधमारी पर मायावती ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब हमने समाजवादी पार्टी के व्यवहार को देखा, तभी समझ में आ गया कि हमने 2 जून 1995 का गेस्ट हाउस कांड को वापस लेकर बड़ी गलती कर दी है। हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था और इस संबंध में गहराई से सोचना चाहिए था।’

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