हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में टीआरएस भले 55 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी हो लेकिन सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हुआ। पिछली बार चार सीटें जीतने वाली भाजपा को 48 सीटें मिली हैं। वहीं, 2016 चुनाव में टीआरएस ने 99 सीटें जीती थीं जबकि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 44 सीटें मिली थीं। इस चुनाव के रोमांच लोकसभा चुनाव से कम नहीं था। भाजपा के दिग्गज नेता प्रचार करने यहां पहुंचे थे। असदुद्दीन ओवैसी के गढ़ में भाजपा ने उनकी पार्टी एआईएमआईएम को तीसरे नंबर पर धकेल दिया। कर्नाटक के बाद दक्षिण के महत्वपूर्ण राज्य तेलंगाना में जमीन मजबूत करने की कोशिश में भाजपा ने यहां पूरी ताकत लगाई थी। इसके चलते निगम के चुनाव में भी लोकसभा चुनाव से कम रोमांच नहीं था। भाजपा ने हैदराबाद चुनाव को किस गंभीरता से लिया था इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित कई दिग्गज यहां प्रचार करने पहुंचे। भाजपा दिग्गजों के प्रचार में उतरने के बाद मुख्यमंत्री केसीआर से लेकर ओवैसी ने एड़ी-चोटी का जोड़ लगा दिया। इस चुनाव में कामयाबी से भाजपा के लिए दक्षिण में जमीन और मजबूत होने के आसार हैं। यह चुनाव इसलिए भी अहम था, क्योंकि नगर निगम हैदराबाद, रंगारेड्डी और संगारेड्डी सहित चार जिलों में फैला है। इसमें 24 विधानसभा और तेलंगाना की पांच लोकसभा सीटें भी आती हैं।

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