बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में शराब की दुकान खुलवाने की बात करने वाले कांग्रेस के लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के समय अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखने का वचन देते हैं. उन्होंने कहा है कि बापू के विचारों के खिलाफ बोल रहे ये लोग यह भूल गए हैं कि सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए जाने के बाद एक अप्रैल 2016 से प्रदेश में शराबबंदी लागू की गई थी और आज उसके विरोध में बोल रहे हैं.
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन 19 फरवरी को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद के संयुक्त सत्र के दौरान राज्यपाल फागू चौहान के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने कहा है कि प्रदेश में शराब की दुकान खुलवाने की बात करने वाले कांग्रेस के लोग पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के समय अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखने का वचन देते हैं.
उन्होंने कहा है कि बापू के विचारों के खिलाफ बोल रहे ये लोग यह भूल गए हैं कि सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किए जाने के बाद एक अप्रैल 2016 से प्रदेश में शराबबंदी लागू की गई थी और आज उसके विरोध में बोल रहे हैं. नीतीश ने कहा है कि कांग्रेस में सदस्यता ग्रहण के समय सदस्यता फार्म पर हस्ताक्षर कर वे वचन देते कि वे अपने को मादक पेय एवं नशीले पदार्थों से दूर रखते हैं. ऐसे में कांग्रेस ही जाने कि उसके कैसे कैसे लोग सदस्य बने हैं.