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मंत्री परिषद के शपथ ग्रहण के बाद पांचवें दिन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी 11 मंत्रियों को विभागों का आवंटन कर दिया। पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में शामिल रहे सभी सातों मंत्रियों को वही विभाग दिए गए हैं, जो उनके पास पहले भी थे। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य को एक-एक अतिरिक्त विभाग दिया गया है। एक अन्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धनसिंह रावत को एक अतिरिक्त विभाग का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि एक विभाग वापस लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण विभाग अपने पास ही रखे हैं। नए कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत को संसदीय कार्य का जिम्मा देते हुए पूर्व मंत्री मदन कौशिक के अधिकांश विभाग सौंपे गए हैं।मंगलवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सलाह पर मंत्री परिषद के सदस्यों को विभागों का आवंटन करने संबंधी आदेश जारी किया।

मुख्यमंत्री तीरथ ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तुलना में अपने पास कम विभाग रखे हैं। हालांकि वित्त, गृह, लोक निर्माण, चिकित्सा, ऊर्जा व आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रहेंगे। मंत्री परिषद में नंबर दो सतपाल महाराज को सभी वही विभाग दिए गए हैं, जो उनके पास पहले भी थे। नए कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत को विधायी एवं संसदीय कार्य का अहम जिम्मा दिया गया है।

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नए मंत्री बिशन सिंह चुफाल को पेयजल जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के पुराने विभागों में बदलाव न करते हुए उन्हें निर्वाचन का अतिरिक्त दायित्व दिया गया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय और सुबोध उनियाल के विभाग यथावत रखे गए हैं।

नए मंत्री गणेश जोशी को सैनिक कल्याण के साथ उद्योग जैसा अहम विभाग सौंपा गया है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास का जिम्मा अतिरिक्त दिया गया है, तो डेयरी विकास विभाग वापस लिया गया है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य के पुराने विभाग यथावत रखने के साथ ही उन्हें नए विभाग के रूप में डेयरी विकास दिया गया है। नए बनाए गए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वामी यतीश्वरानंद को गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग का अहम दायित्व दिया गया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत: गोपन, कार्मिक, सतर्कता, सुराज व भ्रष्टाचार उन्मूलन, गृह, कारागार, अर्द्ध सैनिक कल्याण, वित्त, वाणिज्य कर, स्टांप एवं निबंधन, राज्य संपत्ति, राजस्व, न्याय, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, नागरिक उड्डयन, सूचना, लोक निर्माण, आबकारी, नियोजन, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, ग्राम्य विकास, ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा, औद्योगिक विकास (खनन)।