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असम में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वादों का दौर एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है. कांग्रेस ने इन चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 फीसदी आरक्षण देने का एलान किया है. साथ ही कहा कि यदि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व ‘महाजोत’ गंठबंधन सत्ता में आता है तो रोजगार के लिए एक अलग मंत्रालय का भी गठन किया जाएगा.

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, “कांग्रेस समस्याओं का समाधान ढूंढने वाली पार्टी है. असम इस समय कई समस्याओं का सामना कर रहा है. जिनमें नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA), बेरोजगारी, महंगाई और असम में अपनी उपेक्षा से परेशान महिलाओं की समस्याएं प्रमुख हैं.” उन्होंने कहा कि, “हम पहले ही 5 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर चुके हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत तरुण गोगोई का भी ये सपना था कि प्रदेश में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50 फीसदी आरक्षण दिया जाए.”

गोगोई ने कहा, “वर्तमान सरकार की वजह से राज्य में बेरोजगारी की समस्या अपने चरम पर है. इस सरकार ने केवल बड़ी-बड़ी इमारतों का ही निर्माण किया है जो आज भुतहा इमारतें बन गयी हैं. हम इन भुतहा इमारतों पर हुए खर्च को लेकर भी जांच समिति बैठाएंगे. हमारा रोजगार मंत्रालय मुख्यमंत्री कार्यालय जितना ही महत्वपूर्ण होगा. ये मंत्रालय सभी विभागों के साथ मिलकर 5 लाख नौकरियां उपलब्ध कराएगा. साथ ही अतिरिक्त रोज़गार के अवसर भी पैदा करेगा.”

इस से पहले कांग्रेस असम में सीएए कानून हटाने का भी वादा कर चुकी है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस से पहले असम में कहा था कि, कांग्रेस यहां चुनाव जीतते ही पांच वादों को सबसे पहले गारंटी के तौर पर लागू करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जैसे ही चुनाव जीतेगी सबसे पहले राज्य में ऐसा कानून बनाएगी जिससे सीएए निरस्त हो जाएगा. सीएए खत्म करने के अलावा राज्य में पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी, चाय बगान मजूदरों का न्यूनतम मेहनताना 365 रुपये रोजाना, गृहणियों को 2000 रुपये मासिक आर्थिक सहायता और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की गांरटी दी जाएगी.

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