गुजरात के भरूच लोकसभा से सांसद मनसुख भाई वसावा ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। राज्य सरकार के वन मंत्री गणपत सिंह वसावा ने मनसुख भाई से मुलाकात कर उन्हें मनाया। इसके बाद मनसुख भाई ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। मनसुख भाई वसावा ने इको सेंसेटिव जॉन के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दिया था। नर्मदा जिले के 121 गांव इस जोन में शामिल किए जाने से वह नाराज थे। भरूच लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद मनसुख भाई वसावा ने आदिवासी गांव को इको सेंसेटिव जोन में शामिल करने के मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी को इस्तीफा सौंपा था और आगामी बजट सत्र के दौरान लोकसभा से इस्तीफा देने का भी ऐलान कर दिया था।
सरकार ने आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के 121 गांव को इको सेंसेटिव जोन के रूप में घोषित किया था इस बात से नाखुश सांसद मनसुख भाई वसावा इसका लगातार विरोध कर रहे थे। इससे पहले भी सांसद वसावा भाजपा व सरकार के रवैया को लेकर अपना विरोध दर्ज कर चुके हैं। गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल को भेजे गए एक पत्र के माध्यम से वसावा ने कहा है कि भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है, वे मानते हैं कि उनके मूल्य व आदर्श भाजपा के अनुसार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनकी योग्यता में विवेक से भी ज्यादा उन्हें पार्टी ने दिया है। वसावा ने कहा कि वे एक सामान्य व्यक्ति हैं लेकिन आदिवासियों को लेकर इन मुद्दों पर वह भारतीय जनता पार्टी के साथ नहीं जा सकते।