केरल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पीसी थॉमस ने अब एनडीए का साथ भी छोड़ दिया है। केरल कांग्रेस से अलग पीसी थॉमस ने खुद को अलग किया था। जिसके बाद उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाया था। लेकिन थॉमस की अगुवाई वाले गुट को आगामी विधानसभा चुनाव में एक भी सीट भाजपा ने नहीं दी। जिसके बाद पीसी थॉमस ने एनडीए का दामन छोड़ दिया। ये फैसला थॉमस ने मंगलवार देर रात लिया। बीते विधानसभा चुनाव को लेक पीसी थॉमस ने जानकारी दी कि उनकी पार्टी ने चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार भाजपा एक भी सीट देने को तैयार नहीं थी।
इसके बाद थॉमस ने कहा है कि उनका गुट केरल कांग्रेस के साथ विलय करेगा और कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ का हिस्सा होगी। दिलचस्प है कि पिछले सप्ताह पीसी थॉमस का गुट कांग्रेस से अलग हो गया था और भाजपा में शामिल हुआ था। लेकिन, एक भी सीट नहीं मिलने से फिर वो अलग हो गए हैं।
पीसी थॉमस का एनडीए से पूरा रिश्ता है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वो 2003 से 2004 तक कानून एवं न्याय के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। थॉमस ने 2004 में एनडीए को केरल में अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज करने में मदद की थी। पिछले पांच चुनावों में थॉमस कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के सहयोगी केरल कांग्रेस (मणि) के उम्मीदवार रहे। केरल में 140 सदस्यों वाले विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को वोटिंग है। वहीं, नतीजे दो मई को आएंगे। बीते सप्ताह पीसी चाको ने कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ लिया था। केरल में 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले चाको ने कांग्रेस में गुटबाजी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था।