कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार अब तक किसान संगठनों को मनाने में नाकाम रही है। कई किसान संगठनों ने सरकार से सीधी मांग रखी है कि कोई भी मांग मनवाने के लिए पहले तीनों कानून वापस हों। इस बीच किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की तैयारी शुरू कर दी हैं। इसी मुद्दे पर किसान नेता रवींदर सिंह चीमा ने सरकार को हल निकालने में देरी करने का दोषी ठहराया, तो भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आंदोलनों का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ही सवाल खड़े कर दिए।

भाजपा नेता गौरव भाटिया से जब ट्रैक्टर रैली को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि किसानों का सम्मान हमारा सम्मान है। बातचीत का दौर चल रहा है और जो भी हल निकलेगा बातचीत से ही निकलेगा। किसानों का सम्मान ये सरकार बढ़ाएगी। 8 दौर क्या, 10 दौर, 12 दौर बातचीत करनी पड़ेगी, तो यह सरकार उसके लिए तैयार है। चार मसले थे, दो मसले हमने हल कर दिए। दूसरी बात देश में करीब 15 करोड़ किसान परिवार हैं। ज्यादातर किसान परिवार साढ़े चौदह करोड़-पौने पंद्रह करोड़ इस सरकार के साथ खड़े हैं और कानून सभी के लिए लाया जाता है। एक समूह के लिए नहीं लाया जाता है, यह पूरे देश का कानून है। लेकिन अगर आप जैसे कुछ संगठन हैं, जिन्हें कुछ कमियां लगती हैं, तो सकारात्मक रूप से बातचीत करेंगे और हल निकालेंगे। लेकिन हम उनकी भी आवाज हैं, जो किसान इन कानूनों से खुश है।

भाकियू नेता राकेश टिकैत पर हमला करते हुए गौरव भाटिया बोले- “टिकैत जी का एक बयान आया है। जब यह अध्यादेश आया, तो उन्होंने कहा कि किसानों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। तात्पर्य यह है कि कुछ लोग यूटर्न ले चुके हैं। कुछ लोग इसलिए भी खुश नहीं हैं, क्योंकि उनका हित नहीं है, लेकिन 15 करोड़ किसानों का हित है।”

भाजपा नेता ने आगे कहा, “कल की बातचीत सकारात्मक हो इसके लिए आपको भी आवश्यकता है कि कुछ चीजें ताकत से न जीती जा सकें। स्वभाव में मिठास से जीती जाती हैं। सरकार विनम्र और संवेदनशील है। आप बातचीत खुले मन से करिए, रास्ते खुद ही खुल जाएंगे। हाए-हाए मोदी के नारे लगाने वाले शर्जील इमाम जैसे लोग आपके प्रदर्शन में घुस रहे हैं। जो ट्रैक्टर में सोफा लगाकर बैठे थे और इटली में बीज लेने गए हैं, उनके भ्रमजाल में मत फंसिए।”

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