कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल डीजल तथा रसोई गैस के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी की कड़ी आलोचना करते हुए गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार को जनता की फिक्र नहीं है और इसीलिए किसान उसकी नीतियों से त्रस्त होकर सड़को पर आंदोलन कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने जारी बयान में जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल डीजल की बढ़ी दरें वापस लेने और कड़ाके की सर्दी में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे लाखों किसानों का आंदोलन समाप्त करने के लिए कृषि संबंधी तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की।
उन्होंने कहा कि देश आज दोराहे पर खड़ा है। एक ओर अन्नदाता 44 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में खड़ा है तो दूसरी तरफ निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार ग़रीब किसान तथा मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है और कोरोना से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच केंद्र सरकार ख़ज़ाना भरने में लगी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज कच्चे तेल की क़ीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 प्रति लीटर है लेकिन डीजल 74.38 और पेट्रोल 84.20 प्रति लीटर में बेचा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय उत्पाद शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी करके रिकॉर्ड मुनाफ़ा वसूल रही है। पिछले साढ़े छह सालों में सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 19 लाख करोड़ रुपये वसूलें हैं।