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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि केंद्र में भाजपा के शासन के दौरान अमीरी-गरीबी की खाई बहुत बढ़ गई है। चुनाव प्रचार के तहत दक्षिण तमिलनाडु की यात्रा के दूसरे दिन कांग्रेस के शीर्ष नेता ने नमक श्रमिकों से बातचीत की। जब मजदूरों ने स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों समेत अपनी पीड़ा उन्हें सुनाई तो गांधी ने कहा कि वह उनके साथ हैं। एक महिला ने साल के उन चार महीनों के लिए सरकार से आर्थिक सहायता मांगी, जब उनके पास नमक बनाने का काम नहीं होता है तो गांधी ने कहा कि कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पास ऐसे मुद्दों से निपटने का विचार था।

उन्होंने कहा, “जब संप्रग सरकार के तहत हम सत्ता में थे तो हमने देखा कि भारत में संपत्ति का वितरण बहुत पक्षपातपूर्ण है। कुछ लोग तो बहुत-बहुत अमीर हो रहे हैं जबकि कई लोग गरीब हैं। और अब भाजपा के सत्ता में आने पर यह बहुत ज्यादा बढ़ गया है।”

कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि पार्टी के पास इस समस्या से निपटने का विचार है। देश के हर गरीब परिवार के लिए न्यूनतम आय (न्याय) योजना की धारणा ही यही थी कि जिस अवधि में मजदूरों के पास काम नहीं हो तो उनके हितों की रक्षा की जाए। गांधी ने कहा कि लाभार्थियों को गरीबी से बाहर निकलने तक हर साल बैंक खाते में 72,000 रुपये मिल जाते, भले ही उनका राज्य, भाषा या धर्म कुछ भी हो। जब कांग्रेस केंद्र की सत्ता में आएगी तो न्याय योजना को लागू किया जाएगा ताकि गैर कामकाजी दिनों की अवधि में मजदूरों की आय की चिंता का निदान हो सके।

महिलाओं ने पुरुषों द्वारा शराब पीने का मुद्दा उठाया और कहा कि वे अपनी सारी आमदनी से शराब पीते हैं और अपने परिवारों को मझदार में छोड़ देते हैं। उन्होंने गांधी से पूर्ण शराबबंदी लागू करने का आग्रह किया। कुछ अन्य लोगों ने क्षेत्र में केंद्र के नमक विभाग के स्वामित्व वाली अप्रयुक्त जमीन पर घर बनाने के लिए भूखंडों की मांग की। मजदूरों ने बेहतर मजदूरी, कल्याण बोर्ड, पेंशन और रहने की स्थिति में सुधार समेत अन्य मांगें कीं।

गांधी ने कहा कि वह उनके साथ हैं। उन्होंने उनके साथ बातचीत करके काफी कुछ सीखा है। उन्होंने मजदूरों से आग्रह किया कि जब वह अगली बार आएंगे तो उन्हें नमक बनाने की प्रक्रिया के बारे में बताएं।

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