अपने कार्यकाल के बाद भी गांवों की बागडोर संभालने की मांग कर रहे प्रधानों को मायूसी हाथ लगी है। 25 दिसम्बर को प्रधानों का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद एडीओ पंचायत को प्रशासक की जिम्मेदारी मिलेगी। ब्लॉकों में एसडीएम और जिला पंचायत में डीएम को पावर दिया जाएगा। यह बात खुद यहां विकास कार्य की समीक्षा करने आए सूबे के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कही। कन्नौज में पंचायती राज मंत्री जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक और दिव्यांगों को ट्राई साइकिल वितरण करने आए थे। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत काम होगा।
पिछले वर्षों में भी प्रधानों के लिए एडीओ पंचायत, ब्लॉक प्रमुख के लिए एसडीएम व जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए डीएम को जिम्मेदारी मिलती रही है। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि इस पर परीक्षण कराकर लागू किया जाएगा। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था के तहत चुनी भाजपा सरकार को काम करने से रोका जा रहा है। कुंठित मानसिकता के व्यक्ति अराजगता फैला रहे हैं। किसानों को गुमराह करके आंदोलन करा रहे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए तीनों बिल किसानों के हित में और वर्ष 2022 तक आय दोगुनी करने के लिए हैं। इस रास्ते की जो बाधाएं हैं, उनको दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन विपक्षी दल राजनीति कर रहे हैं।
जिले के दौरे पर आए पंचायती राज मंत्री ने बोर्ड परीक्षा और पंचायत चुनाव के सवाल पर कहा कि सरकार और पंचायती राज विभाग मिलकर चुनाव से पहले प्राथमिकता वाले कार्य कर रही है। पंचायतों के पुनर्गठन के बाद परिसीमन होगा। उसके बाद आरक्षण का काम चलेगा। अधिसूचना के बाद मार्च के अंत में पंचायत चुनाव करा लिए जाएंगे।