तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले जयललिता की खास दोस्त शशिकला ने बड़ा फैसला लिया है. शशिकला ने राजनीति से संन्यास ले लिया है. इसका ऐलान करते हुए शशिकला ने एक बयान जारी किया है. अपने समर्थकों के नाम लिखे पत्र में शशिकला ने कहा है कि आने वाले चुनाव में स्टालिन की पार्टी डीएमके को हराने के लिए ऐआईऐडीएमके के काडर को एकजुट होकर मेहनत करनी चाहिए.
इससे पहले तक शशिकला और ऐआईऐडीएमके के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. बीजेपी ने बुधवार को ही कहा था कि दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की करीबी रहीं वी के शशिकला को छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल के अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल करना है या नहीं, इस पर ऐआईऐडीएमके को निर्णय लेना है.
इस पर ऐआईऐडीएमके ने कहा था कि वह न तो शशिकला को और न ही उनके रिश्तेदार टीटीवी दिनाकरण नीत अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम को पार्टी में और न ही चुनाव के लिए किए गए गठबंधन में शामिल करेगी.
आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल, असम, केरल और केंद्र शासित पुडुचेरी के साथ तमिल नाडु में भी विधान सभा चुनाव होने हैं. दो मई को मतों की गिनती के बाद स्पष्ट होगा कि साल 2021 में होने वाले इन पहले चुनावों में बाजी किसके हाथ लगती है. तमिलनाडु में एक ही चरण में मतदान होगा. तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा.
तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) का शासन है. राज्य की जनता ने वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता को दोबारा गद्दी सौंपी थी. इस चुनाव में अन्नाद्रमुक को 135 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. इस बार के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और बीजेपी का गठबंधन हुआ है और उसका मुकाबला डीएमके और कांग्रेस गठबंधन से होगा.