राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव बिहार से निकलकर बंगाल और असम में चुनाव लड़ना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल और असम में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव है। असम में कांग्रेस महागठबंधन के साथ गठजोड़ कर लिया है। बंगाल में गठबंधन के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी से मुलाकात की। राजद नेता तेजस्वी यादव ने टीएमसी का समर्थन किया। बिहार के लोगों से बंगाल चुनाव में ममता का साथ देने की अपील की। ममता बनर्जी ने राजद नेता तेजस्वी यादव से बैठक के बाद कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि भाजपा चुनाव आयोग को नियंत्रित करे।
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से मुकाबले के दौरान तेजस्वी यादव ने राजद का नेतृत्व किया था। यादव तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने यहां राज्य सचिवालय नबन्ना पहुंचे। बैठक के दौरान तृणमूल के वरिष्ठ नेता और शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम भी मौजूद रहे।
राजद नेता ने यह भी कहा कि वह भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ चुनाव प्रचार करने के लिए चुनाव वाले अन्य राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी भी जायेंगे। सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा कि सरकार गरीब, बेरोजगार युवाओं, अर्थव्यवस्था, किसानों, छात्रों और महिलाओं के बारे में चिंतित नहीं है, लेकिन इसका एकमात्र उद्देश्य ”हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर बात कर”सत्ता में बने रहना है।
उन्होंने कहा, ”सीबीआई, आईटी, ईडी, आरबीआई जैसे सभी संवैधानिक संस्थान अब स्वतंत्र नहीं हैं। ये सभी पार्टी (भाजपा) के विभिन्न प्रकोष्ठों के रूप में काम कर रहे हैं। चुनाव आयोग के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने से पहले, भाजपा आईटी सेल को तारीखों के बारे में जानकारी होती है।” बिहार का उदाहरण देते हुए, यादव ने कहा कि भाजपा द्वारा किए गए सभी वादे विफल हो गए हैं और भाजपा-जद (यू) की सरकार के दौरान राज्य (बिहार) में अपराध 101 प्रतिशत बढ़ गए हैं और ”यही कारण है कि असम में दूसरी बार भाजपा सरकार नहीं होनी चाहिए।”
असम में कांग्रेस की अगुवाई वाले छह दलों के विपक्षी महागठबंधन का विस्तार हुआ। गठबंधन में बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी शामिल हो गए, जिससे असम में तीन चरणों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ उसकी स्थिति और मजबूत हो गई। बीपीएफ वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में शामिल है।