केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों को मनाने के लिए एक तरफ सरकार अलग-अलग प्रस्ताव भेज रही है वहीं, दूसरी ओर किसान संगठन के नेता कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद के बाद आज किसान नेताओं ने अपनी मांगो को लेकर एक दिन का उपवास रखा। किसानों के समर्थन में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी उपवास रखा। इस बीच अब किसानों को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से खुलकर समर्थन मिल गया है।

अन्ना हजारे ने सोमवार को किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखा है। अपने पत्र में अन्ना हजारे ने एम एस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने सहित किसानों की मांगों और केंद्र सरकार की विफलता के खिलाफ फिर से भूख हड़ताल करने की चेतावनी दी है। बता दें कि इससे पहले भी ‘भारत बंद’ के दौरान किसानों के समर्थन में अन्ना हजारे ने एक दिन का उपवास रखा था। इतना ही नहीं अपने पत्र में अन्ना हजारे ने सरकार से कहा है कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह ‘जन आंदोलन’ भी करेंगे।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में अन्ना हजारे ने कहा, ‘तत्कालीन कांग्रेस सरकार को ‘लोकपाल आंदोलन’ के दौरान हिला दिया था। मैं इन किसानों के विरोध प्रदर्शन को भी उसी तर्ज पर देख रहा हूं, किसानों द्वारा किए गए भारत बंद के दिन मैंने एक दिन का उपवास रखा था, आज भी किसानों को मेरा पूरा समर्थन है। अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो फिर से अनशन करूंगा।’ अपनी पिछली मांगों को लेकर भी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार को चेताया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने रालेगणसिद्धी में आकर लिखित आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक इसका पालन नहीं किया गाय है। 5 फरवरी, 2019 को रोका गया अनशन फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा हूं।

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