देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन आज 16वें दिन भी जारी है। सरकार से अब तक की हुई बातचीत और मिले प्रस्तावों को संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया है। फिलहाल बात बनती नहीं दिख रही है। सरकार और किसान मोर्चा ने एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल दी है। 12 और 14 दिसंबर के आंदोलन की घोषणा के बाद आगे इसके विस्तार के संकेत हैं। अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने दिल्ली की तरफ कूच कर दिया है, यहां वह कृषि बिलों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे। दिल्ली के कुंडली बॉर्डर की ओर 700 ट्रैक्टर ट्रालियां बढ़ रही हैं। ये जानकारी किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने दी है। अमृतसर की चैरिटी सेवा गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को भोजन उपलब्ध कराती है। किसानों का कहना है कि यहां सुबह 5.00 से रात 9.00 बजे तक कितने लोग खाते हैं इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। जब तक सरकार हमारी बात नहीं सुनती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा हाल ही में किसान आंदोलन के मामले में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया और लोगों से उन्हें सुनने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें। भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में तीनों कृषि कानूनों को चुनौती दी गई है। इससे पहले गुरुवार को किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया कि वो कानून वापस होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और अपनी लड़ाई तेज करेंगे। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने और संशोधन प्रस्ताव पर बात करने की मांग की है।

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