किसानों के आंदोलन का आज नौंवा दिन है। नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहे किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठनों ने शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता कर ऐलान किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।

कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक भी बेनतीजा रही थी। लगभग आठ घंटे चली इस बैठक में किसान नेता नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े रहे। किसान नेताओं के बातचीत के बीच में सरकार की तरफ से की गई दोपहर के भोजन, चाय और पानी की पेशकश को भी ठुकरा दिया। सरकार ने बातचीत के लिए पहुंचे विभिन्न किसान संगठनों के 40 किसान नेताओं के समूह को आश्वासन दिया कि उनकी सभी वैध चिंताओं पर गौर किया जाएगा और उन पर खुले दिमाग से विचार किया जाएगा, लेकिन दूसरे पक्ष ने कानूनों में कई खामियों और विसंगतियों को गिनाते हुए कहा कि इन कानूनों को सितंबर में जल्दबाजी में पारित किया गया। बताया जा रहा है कि आज किसान अपनी आगे की रणनीति पर विचार करेंगे। किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली-एनसीआर की यातायात प्रभावित हो रहा है।

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