दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन 15वें दिन भी जारी है। बुधवार को केंद्र सरकार ने जो 19 पन्नों के प्रस्ताव भेजे थे उन सभी प्रस्तावों को किसानों ने खारिज कर दिया है। कई दौर की केंद्र सरकार के साथ चली वार्ताओं के बेनतीजा रहने के बाद किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने का एलान भी बुधवार को किया। किसान संगठन आज केंद्र सरकार के साथ होने वाली वार्ता का बहिष्कार करेंगे। किसान तीनों कानूनों को रद्द करने से पहले अपना आंदोलन वापस लेने को तैयार नहीं हैं। हालांकि वह सरकार के अगले प्रस्ताव का इंतजार जरूर कर रहे हैं। आंदोलन के अगले चरण में किसान 12 दिसंबर को देश भर के सभी टोल प्लाजा को फ्री (पर्ची मुक्त) कर देंगे। वहीं,  14 दिसंबर को देश के सभी जिलों में किसानों ने धरना प्रदर्शन का फैसला लिया है।

किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते, तो एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद किया जायेगा और किसान सिंघु बॉर्डर पार कर दिल्ली में प्रवेश करने के बारे में भी फैसला ले सकते है।

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