हरियाणा-पंजाब और देश के अन्य राज्यों से आए किसानों का आज 14वां दिन हैं। सरकार और किसानों के बीच अब कुल छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इन बैठकों में दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार आंदोलन को खत्म करने कोशिश की जा रही है लेकिन किसान संगठन अपनी जिद पर अड़े हुए है कि सरकार इन तीनों ही कानूनों को वापस ले। सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे, लेकिन कानूनों में कुछ संशोधन किए जा सकते हैं। इस बीच बुधवार को सरकार की तरफ से किसानों को कानूनों में संशोधन को लेकर एक प्रस्ताव किसानों को भेजा गया। इसपर विचार विमर्श करने के लिए दोपहर 1 बजे सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई।

बैठक के बाद किसान नेताओ ने सरकार द्वारा दिया गया प्रस्ताव ठुकरा दिया। किसान नेताओं का कहना है कि जो प्रस्ताव सरकार ने हमें भेजे थे, वह हमने पढ़े हैं और उन्हें नामंजूर कर दिया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कानून वापस नहीं लिए गए, तो हम इस आंदोलन को उग्र करेंगे। नया धरना 14 दिसंबर को दिया जाएगा। सिंघु बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने कहा कि 12 दिसंबर को जयपुर-दिल्ली हाइवे को ब्लॉक किया जाएगा। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘हमने सरकार के प्रस्ताव ठुकरा दिए हैं।’

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