दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। आंदोलनकारी किसानों को सड़क से हटाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। सुनवाई दोपहर 12 बजे के बाद होगी। कोर्ट ने बुधवार को हुई सुनवाई में कहा था कि वह कोई भी आदेश देने से पहले आंदोलनकारी संगठनों को भी सुनेगा।

इस मामले में कोर्ट ने 8 संगठनों को पार्टी बनाया है इनमें भारतीय किसान यूनियन (टिकैत), बीकेयू सिधुपुर, बीकेयू राजेवाल, बीकेयू लाखोवाल, जम्हूरी किसान सभा, बीकेयू दकौंडा, बीकेयू दोआबा, कुल हिंद किसान फेडरेशन हैकोर्ट ने विवाद के हल के लिए एक कमेटी बनाने की भी बात कही है। इस कमेटी में आंदोलनकारी संगठनों के साथ, सरकार और देश के बाकी किसान संगठनों के भी लोग होंगे।

उधर किसान संगठनों ने बुधवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि डिजिटल प्लेटफार्म को चलाने का फैसला किया है जो गुरुवार तक शुरू हो जाएगा। जिस दिन से आंदोलन शुरू हुआ है उस दिन से हमारा कोई डिजिटल प्लेटफार्म नहीं था, आज हम अपना प्लेटफार्म शुरू करेंगे, कल तक हो जाएगा, “किसान एकता मोर्चा” #डिजिटल किसान, #किसान एकता मोर्चा। किसान नेताओं ने कहा कि हमारा आंदोलन शांति तरह से चल रहा है, हम एक हफ्ते में 1 करोड़ लोगों को इस से जोड़ेंगे। ट्विटर, फेसबुक, स्नैपचैट, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर आएंगे। लाइव कवरेज इस पेज पर देंगे, ताकि सिर्फ सरकार को यह न लगे कि सिर्फ सिंघु, टिकरी नहीं बल्कि सब जगह चल रहा है। कोई भी शरारती तत्व कुछ गलत तरह से प्रेज़ेन्ट करता है तो हम उसपर जवाब देंगे। आई टी सेल बनेगी, जो भी इस आंदोलन के एन्टी होगा उसको जवाब देंगे। यह किसानों का आईटी सेल होगा।

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