कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर तमाम किस्म की बयानबाजी हो रही हैं। आंदोलन की आत्मा तक पर सवाल उठाए जा रहे हैं। खासकर, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जो किसानों की नाराजगी को हवा दे रहे हैं। ताजा बयान मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल का है जिन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को ‘कुकुरमुत्ता’ कहकर संबोधित किया है।

मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह बयान सोमवार को उज्जैन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया। कमल पटेल ने कहा, ”ये किसान संगठन ‘कुकुरमु्त्तों’ की तरह उग आए हैं। ये किसान नहीं हैं, बल्कि व्हीलर डीलर और एंटी नेशनल हैं।” कमल पटेल के इस बयान पर किसानों में नाराजगी है। लेकिन ये पहला मामला नहीं है जब सत्ताधारी पक्ष की तरफ से ऐसा बयान आया हो, इससे पहले भी कुछ ऐसे बयान दिए गए हैं जो किसानों के आंदोलन पर ही सवाल उठाने वाले थे।

एमपी की एक और मंत्री ऊषा ठाकुर ने भी कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए किसानों को निशाने पर लिया। मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में उच्च कोटि के दलाल प्लानिंग के साथ किसान आंदोलन चला रहे हैं और इसमें टुकड़े-टुकड़े गैंग भी शामिल हो गई है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उठाए सवाल केंद्र में मोदी सरकार के मंत्री भी आंदोलन को लेकर ऐसा बयान दे चुके हैं जो चर्चा और विवाद का केंद्र बने। किसान संगठनों के साथ मीटिंग करने वाले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ये आंदोलन अब किसानों का नहीं रह गया है, क्योंकि इसमें वामपंथी और माओवादी तत्व शामिल हो गए हैं। गोयल ने कहा था कि आंदोलन के जरिए ऐसे लोगों की जेल से रिहाई की मांग की जा रही हैं जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए सजा काट रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *