नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन बीते 22 दिन से जारी है। सरकार से कई दौर की बातचीत के बाग भी किसानों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा है। किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम 8 पन्ने की एक चिठ्ठी लिखी है। चिठ्ठी में उन्होंने अन्नदाताओं को समझाने की कोशिश की है कि नए कानूनों से कैसे और किस तरह उन्हें फायदा होगा। कृषि मंत्री ने किसानों को लिखे पत्र में कहा, ‘किसी भी बहकावे में आए बिना तथ्यों के आधार पर चिंतन मनन करें, हर आशंका को दूर करना सरकार का दायित्व है।’
उन्होंने कहा कि तीनों कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि के क्षेत्र में नए अध्याय की नींव बनेंगे। इससे किसान और स्वतंत्र और सशक्त होंगे। तोमर ने आगे लिखा, ‘कृषि मंत्री होने के नाते, मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं, हर किसान की चिंता दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो ‘झूठ की दीवार’ बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वस्तुस्थिति आपके सामने रखूं।’
कृषि मंत्री ने कहा कि बीते दिनों मेरी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है। कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है। वे इससे बहुत खुश हैं। लेकिन इन कृषि सुधारों का दूसरा पक्ष यह भी है कि कुछ किसान संगठनों में इन्हें लेकर एक भ्रम पैदा कर दिया गया है। तोमर ने चिट्ठी में आगे लिखा है, ‘मैं किसान परिवार से आता हूं। खेती की बारीकियां और खेती की चुनौतियों, दोनों को ही देखते हुए, समझते हुए बड़ा हुआ हूं। फसल कटने के बाद उसे बेचने के लिए हफ्तों का इंतजार भी मैंने देखा है।’
कुछ देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर किसानों से अपील की। उन्होंने कहा, ‘कृषि मंत्री जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।’