केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 20 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों को हटाने के लिए दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।

किसान आंदोलन के खिलाफ लॉ स्‍टूडेंट ऋषभ शर्मा ने याचिका दायर की है। उन्‍होंने याचिका में कहा है कि किसानों के आंदोलन के कारण सड़क जाम होने से आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा है कि इस तरह किसानों की भीड़ से कोविड संक्रमण के आंकड़े भी बढ़ सकते हैं। इन सब कारणों से अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तत्काल हटाएं। याचिकाकर्ता ने आगे दावा किया है कि दिल्‍ली पुलिस ने 27 नवंबर को आंदोलनकारी किसानों को बुराड़ी में निरंकारी ग्राउंड जाकर प्रदर्शन करने की सलाह दी थी लेकिन वे नहीं माने और दिल्‍ली की सीमाओं पर ही प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस बीच आज दिल्‍ली और नोएडा को जोड़ने वाले चिल्‍ला बॉर्डर पर सुरक्षा व्‍यवस्‍था को सख्‍त कर दिया गया है। दरअसल, किसान यूनियन के नेताओं ने मुख्‍य बॉर्डरों को जाम करने की चेतावनी दी है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से यह स्‍पष्‍ट कर दिया गया है कि किसी भी हाल में तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। वैसे अब तक किसान और केंद्र के बीच हुई वार्ता में सरकार ने कुछ संशोधन प्रस्‍ताव दिए थे जिसपर किसानों ने असहमति जताई। उल्‍लेखनीय है कि आज सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई काफी अहम है क्‍योंकि इस बात पर निर्णय लिया जाएगा की दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन और प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा या उन्हें कहीं और भेजा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *