हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी के बुधवार को हाथरस जाने की खबरों के बीच नोएडा पुलिस अलर्ट हो गई है। प्रियंका को हाथरस जाने से रोकने के लिए पुलिस डीएनडी फ्लाईओवर पर एक-एक गाड़ी की गहनता से जांच कर रही है। इस कारण डीएनडी पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है। ट्रैफिक जाम के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप और हैवानित की शिकार हुई दलित पीड़िता का पुलिस द्वारा मंगवार देर रात अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा और आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार में सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया। घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दोगुना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ, आप इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।”

गौरतलब है कि हाथरस में गैंगरेप की शिकार 19 वर्षीय दलित लड़की की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी। हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को लड़की के साथ कथित तौर पर गैंगरेप की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

हाथरस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी हाथरस में दरिंदगी की शिकार दलित लड़की का जबरन अंतिम संस्कार किए जाने के आरोप के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभ्य समाज को झकझोर देने वाली घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार सुबह ट्वीट कर बताया कि मामले की जांच तीन सदस्यीय एसआईटी टीम करेगी। विशेष जांच दल का नेतृत्व गृह सचिव भगवान स्वरूप करेंगे जबकि दो अन्य सदस्यों में पुलिस उपमहानिरीक्षक चंद्र प्रकाश और पीएसी कमांडेंट आगरा सुश्री पूनम शामिल हैं। एसआईटी एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सरकार मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के आदेश पहले ही दे चुकी है। इसके अलावा पीड़िता के परिजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।

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