बलिया के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर में गुरुवार को एसडीएम, सीओ के सामने गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। ये दोनों भी नामजद आरोपी हैं। अज्ञात के रूप में दर्ज पांच आरोपी हिरासत में हैं। इनके नाम का खुलासा नहीं किया गया है। छह अन्य नामजद व अज्ञात 20 आरोपी फरार हैं। देवेंद्र को रेवती रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया। डीआईजी आजमगढ़ सुभाषचंद दुबे ने बताया कि सभी आरोपियों पर 75-75 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। एनएसए, गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई होगी। आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। किसी तरह का कोई दबाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीआईजी ने कहा कि वे बलिया में ही कैंप करेंगे। 24 घंटे में परिणाम सामने आएगा। खुली बैठक में हत्या के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के चलते शुक्रवार को गांव छावनी में तब्दील नजर आया। बृहस्पतिवार देर रात कमिश्नर विजय विश्वास पंत और डीआईजी दुर्जनपुर पहुंचे और पीड़ित परिवार से बात की। सुबह एडीजी वाराणसी ब्रजभूषण भी गांव पहुंचे। डीएम-एसपी की मौजूदगी में मृतक जयप्रकाश पाल का कड़ी सुरक्षा के बीच पखरूखिया गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मृतक जयप्रकाश पाल के परिजनों से फोन पर बात की। उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। कोटे की दुकान के मामले को लेकर ही दुर्जनपुर गांव निवासी धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्लू के खिलाफ एक साल पूर्व तत्कालीन पूर्ति निरीक्षक दुर्गानंद यादव की तहरीर पर रेवती थाने में सरकारी कार्य में बाधा, गालीगलौज करने व जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज हुआ था। वर्ष 2017 में ग्राम पंचायत की दोनों दुकानें निरस्त होने के बाद मनचाही दुकानों पर अटैचमेंट का खेल शुरू हो गया। तब केंद्र दुर्जनपुर के रामकुमार राम की निरस्त दुकान केंद्र दल छपरा के जगजीवन के यहां अटैच की गई थी। मुख्य तहसील दिवस में कार्डधारकों ने अनियमितता की शिकायत की तो तत्कालीन जिलाधिकारी ने केंद्र श्रीनगर के दुकानदार धन लाल के यहां दुकान को अटैच कर दिया। इसी बात पर उसकी दुर्गानंद से धीरेंद्र की कहासुनी हुई थी। रेवती थाना की पुलिस ने मामले की विवेचना करके चार्जशीट न्यायालय में दाखिल कर दी है।

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