जेएनयू की पूर्व छात्रा शहला राशिद पर उनके पिता ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने डीजीपी को चिट्ठी लिखकर शहला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शहला के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी ने जुहूर बटाली और रशीद इंजिनियर से 3 करोड़ रुपये लिए थे। उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए डीजीपी से सुरक्षा की गुहार भी लगाई है। हालांकि, शहला ने पिता के सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने अब्दुल रशीद पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। मामले में बाप-बेटी एक-दूसरे पर खुलकर आरोप लगा रहे हैं।
शेहला रशीद के पिता अब्दुल रशीद शौरा का कहना है कि उनकी बेटी देशद्रोह समेत कई देश विरोधी गतिविधिय़ों में भी शामिल हैं। इसके साथ उन्होंने पूरे मामले की जांच करने की मांग की है। पिता अब्दुल रशीद शौरा का कहना है कि मनी लांर्डिंग मामले में पहले ही इंजीनियर रशीद और जुहूर वटाली गिरफ्तार हैं। इन दोनों नेताओं ने उनकी बेटी को नई पार्टी में शामिल होने के लिए तीन करोड़ रुपये के पैकेज की पेशकश की थी। उनका कहना है कि जब उन्होंने बेटी शेहला रशीद को इसके लिए मना किया तो उसने धमकी दी। वहीं, शेहला राशिद ने आरोपों के बाबत बयान दिया है कि उनके पिता के आरोप बेबुनियाद हैं और उनका कोई आधार नहीं है।
फरवरी, 2016 में जब जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देशविरोधी नारे लगे थे, तब शेहला राशिद जेएनयू की उपाध्यक्ष थीं और कन्हैया कुमार अध्यक्ष थे। देश विरोधी नारों के आरोप में घिरे कन्हैया को जेल तक जाना पड़ा था, लेकिन शेहला राशिद बची रहीं। वहीं, कन्हैया कुमार समेत विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों पर आरोप लगने के बाद वह मुखर रहीं थीं। उन्होंने कई मंचों पर कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों का खंडन करने के साथ विरोध गुट के छात्र संगठन को कटघरे में खड़ा किया था।
शेहला राशिद ने सियासत में भी हाथ आजमाया है, लेकिन आशातीत सफलता नहीं मिली। शुरुआत में वह जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस में भी शामिल हुई थीं। इसके बाद यहां से मोहभंग हुआ तो वह प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए शाह फैसल की पार्टी को ज्वाइन किया था। इस पार्टी से टिकट पर शेहला ने चुनाव भी लड़ा था, लेकिन कामयाबी नहीं मिली तो राजनीति से ही तौबा कर ली और आखिरकार संन्यास तक ले लिया।