सरकार की ओर से किसानों को लिखित प्रस्ताव भेज दिया गया है। किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी। सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद अब किसान संगठनों की बैठक हो रही है। अभी पंजाब के 32 किसान संगठन सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग कर रहे है। इसके बाद आठ अन्य संगठन भी आएंगे, जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन की बैठक होगी। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि ये किसानों के सम्मान की बात है, ऐसे में किसान अपनी बात से पीछे नहीं हटेंगे। सरकार ने सिर्फ संशोधन का प्रस्ताव भेजा है, जो किसानों को मंजूर नहीं।
सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में एमपीएमसी क़ानून के तहत आने वाली मंडियों को और सशक्त बनाने का जिक्र है। किसान चाहते हैं कि जिन व्यापारियों को प्राइवेट मंडियों में व्यापार करने की इजाज़त मिले उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। जबकि क़ानून में केवल पैन कार्ड होना अनिवार्य बनाया गया है। सरकार किसानों की यह मांग भी मांगने को तैयार नजर आ रही है।