कृषि कानूनों के विरोध में बैठे किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। किसान हर हाल में तीनों कानूनों को निरस्त करवाने के लिए डटे हुए हैं। इसके समर्थन में किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। देश भर में किसानों द्वारा बुलाए गए इस बंद को समर्थन मिल रहा है। तमाम राजनीतिक पार्टियां किसानों को समर्थन में सामने आई हैं। इसके साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजान किए गए हैं। राहुल गांधी ने सोमवार को एक बार फिर ट्वीट कर किसान आंदोलन को लेकर सरकार के रवैये पर अंगुली उठाते हुए निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ‘अदानी-अंबानी कृषि कानून’ रद्द करने होंगे। और कुछ भी मंजूर नहीं। केजरीवाल सिंघु बॉर्डर जरूर पहुंचे लेकिन वह मुख्य मंच तक नहीं जा पाए। गौरतलब है कि किसान किसी भी राजनीतिक दल को मुख्य मंच तक नहीं आने देते। केजरीवाल ने यहां पहुंचकर कहा कि, हम शुरू से किसान आंदोलन के साथ खड़े हैं। मैं किसानों की मांग से सहमत हूं। मुझे लगता है उनकी सभी मांग जायज है। सरकार को उनकी बात माननी चाहिए। मैं आज यहां मुख्यमंत्री बनकर नहीं आया। मैं यहां उनका सेवक बनकर आया हूं। मैंने यहां की व्यवस्था भी देखी है। कुछ पानी की दिक्कत है। उसे ठीक कर लिया जाएगा। उन्होंने भारत बंद पर कहा कि, हम भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। आप के सभी कार्यकर्ता को इसमें शांतिपूर्वक शामिल रहना है। हम इस बंद को सफल बनाएंगे। जब किसान आंदोलन शुरू हुआ तो मुझे 9 स्टेडियम को जेल बनाने के लिए कहा गया। मगर हमने नहीं माना। मुझे कई फोन आए। बहुत दबाव भी था। मगर मैंने अपने जमीर की सुनी। मुझे लगता है कि उस फैसले के कारण किसान आंदोलन को मजबूती मिली है। केंद्र का प्लान था किसानों को जेल में डालने का। मगर मंजूरी नहीं मिलने से आंदोलन मजबूत हुआ है। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के एमएलसी राजपाल कश्यप और आशु मलिक जब विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी दफ्तर जाने का प्रयास कर रहे थे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। राजपाल कश्यप ने इस पूछा कि पुलिस हमें क्यों रोक रही है? यह अघोषित इमरजेंसी है। आखिर अखिलेश जी को क्यों रोका जा रहा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने किसानों से बातचीत की और उनकी परेशानी के बारे में पूछा। उनके सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने पर भारत माता की जय और इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी लगे। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर मुख्यमंत्री केजरीवाल पहुंच चुके हैं। वह यहां अपनी पूरी कैबिनेट के साथ किसानों से मिलने और सरकार द्वारा किए इंतजामों का जायजा लेने पहुंचे हैं। वह इस समय किसानों से मुलाकात कर रहे हैं। टीकरी बॉर्डर पर भी किसान 12वें दिन डटे हुए हैं। किसानों ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। वहीं सरकार और किसानों के बीच 9 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत होगी।