नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के विशेषज्ञ मंथन कर रहे है। विशेषज्ञ हरियाणा में शिक्षक पात्रता को लेकर होने वाली परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव करने की तैयारी कर रहे है। विशेषज्ञ परीक्षा में क्या बदलाव करने है। उन पर चर्चा कर रहे है। चर्चा पूरी होने पर रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी जाएगी। उसके बाद परीक्षा में आने वाले प्रश्नों में बदलाव किया जाएगा। अब तक पात्रता परीक्षा के प्रश्न-पत्र में ज्ञान आधारित प्रश्न आते थे। ऐसे में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद से पढ़ाई में बदलाव होगा। तो पात्रता परीक्षा के प्रश्नों में बदलाव करना अनिवार्य है। एससीईआरटी में नई शिक्षा नीति में तीन विशेषज्ञों की कमेटियां काम कर रही है। एससीईआरटी के निदेशक तीनों कमेटियों के चेयरमैन है। नई शिक्षा नीति में राज्य में क्या बदलाव होने चाहिए और कब तक होने चाहिए। इस पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

एससीईआरटी के उप-निदेशक सुनील बजाज ने बताया कि नई शिक्षा नीति में काफी कुछ बदल रहा है। ऐसे में शिक्षक पात्रता परीक्षा में आने वाले प्रश्नों में भी बदलाव किया जाना जरूरी है। परीक्षा में आने वाले प्रश्नों में अब ज्ञान आधारित प्रश्नों के साथ-साथ उस विषय के बारे में जमीनी स्तर पर कितनी जानकारी है। इस पर भी प्रश्न आएगें। जिससे की नई नीति में शिक्षकों को पढ़ाने में दिक्कत न हो। अभी तक परीक्षा में ज्ञान आधारित प्रश्न आते है। पूरी रिपोर्ट तैयार करने के बाद मुख्यालय भेजा जाएगा। उसके बाद बदलाव किए जाएगें। अभी तक परीक्षा में ज्ञान आधारित प्रश्न आते है।

शिक्षकों के नीति लागू पर कर रहे है चर्चा एससीईआरटी के उप-निदेशक सुनील बजाज ने बताया कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के लिए कई कोर्स है। उन कोर्स में से पहले कौन सा कोर्स करवाना है। बाद में कौन सा कोर्स करवाना है। इसके अलावा राज्य में अलग से शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए कौन से कोर्स लागू किए जाने है। इस पर तीनों कमेटियां बैठक कर पूरे प्लॉन पर चर्चा कर रहे है। प्लॉन को तैयार करने के बाद मुख्यालय भेजा जाएगा। उसके बाद राज्य में लागू किया जाएगा। शिक्षकों के लिए चार साल का कोर्स है। वह कब से शुरू होना है। शिक्षकों की ब्लैकबोर्ड पर पढ़ाने के लिए कितनी स्पीड है। इन सभी पर चर्चा चल रही है।

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