कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन का आज 18वां दिन है। कड़कड़ाती ठंड और घने कोहरे के बीच दिल्ली की तमाम सीमाओं पर किसान डटे हुए हैं। हालांकि राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद नोएडा-दिल्ली लिंक रोड पर बैठे किसानों ने वहां धरना खत्म कर दिया है, लेकिन सिंघु और टीकरी समेत अन्य जगहों पर प्रदर्शन अब भी जारी है। अपने आंदोलन को तेज करते हुए संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने सिंघु बॉर्डर पर 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की है। किसानों ने आज दिल्ली-जयपुर हाईवे बंद करने की भी चेतावनी दी है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यहां लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि मैं शनिवार रात को यहां पहुंचा हूं। अभी राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से और भी किसान यहां आ रहे हैं। 16 दिसंबर तक सिंघु बॉर्डर पर 500 और ट्रॉलियों की जरूरत पड़ सकती है। पंजाब के रहने वाले दो जुड़वां भाई आज गाजीपुर में धरनास्थल पर पहुंचे। वे दोनों प्रदर्शनकारी किसानों के बीच गर्म कपड़ों का वितरण कर रहे हैं। उनमें से एक भाई करणवीर ने कहा कि सड़कों पर रहना किसे अच्छा लगता है। यह संघर्ष का समय है। मैं पीएम मोदी का फैन हूं और मुझे विश्वास है कि वह समझेंगे कि किसानों के बिना देश का विकास नहीं हो सकता। पन्नू ने कहा कि सभी किसान यूनियनों के नेता सिंघु बॉर्डर पर 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे। हम चाहते हैं कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले, हम इनमें संशोधन के पक्ष में नहीं हैं। केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखें किसान नेता कमलप्रीत सिंह ने बताया कि रविवार को राजस्थान के हजारों किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए दिल्ली आ रहे हैं। इस दौरान वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हमारे आंदोलन खत्म करने के लिए कई हथकंडे अपनाए, लेकिन हमने सबको फेल कर दिया।

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