उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन के कारण धौलीगंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हरिद्वार में आगामी कुंभ के दौरान सरकार के सामने मुश्किल खड़ी करने वाली कोई भी मांग न रखने का फैसला किया है. परिषद के मुखिया महंत नरेंद्र गिरि ने रविवार को बताया, ”हरिद्वार में होने वाले कुंभ का पहला शाही स्नान आगामी 11 मार्च को है. धौली गंगा नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण उत्पन्न आपदा के समय में हम सरकार के साथ हैं.” उन्होंने कहा, “हम हरिद्वार कुंभ के दौरान सरकार के सामने कोई भी मांग नहीं रखेंगे जो उसके लिए समस्या खड़ी करे. दुख के इस समय में हम सरकार के साथ हैं.”
महंत ने आगे कहा “हम एक विशेष पूजा का आयोजन भी करेंगे ताकि उत्तराखंड में इतनी बड़ी आपदा फिर कभी ना आए और वर्तमान आपदा में कम से कम जनहानि हो.” इस बीच राम सेवा ट्रस्ट के न्यासी आशुतोष वार्ष्णेय ने कहा ” आपदा में फंसे लोगों का जीवन बचाने के उद्देश्य से भगवान से प्रार्थना करने के लिये हवन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है . यह कार्यक्रम प्रयागराज में संगम क्षेत्र में हो रहा है.”
आपको बता दें कि, उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 14 शव बरामद हुए हैं. हालांकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है. इस तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं. आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं.