BHARAT VRITANT

गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली की आड़ में हुई हिंसा के बाद भी किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर लगातार जारी है। सिंघू बॉर्डर पर स्थानीय लोग प्रदर्शनस्थल को खाली कराने के लिए पहुंच गए हैं। वहीं किसानों और स्थानीय लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई है। इस दौरान पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस पूरी घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा को घेरे में लिया है।

अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा,अभी भाजपाई उत्पातियों ने सिंघु बार्डर पर किसानों के आंदोलन पर पथराव किया है। सारा देश देख रहा है कि भाजपा कुछ पूंजीपतियों के लिए कैसे देश के भोले किसानों पर अत्याचार कर रही है। भाजपा की साजिश और बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों किसानों पर की जाने वाली निर्दयता घोर निंदनीय है। 5 राज्यों में 5 हजार वैक्सीन डोज की हुई बर्बादी, कोवैक्सीन को हो रहा सीरम के मुकाबले ज्यादा नुकसान

बता दें कि करीब 62 दिनों से जारी किसानों का आदोलन ने 26 जनवरी ट्रेक्टर रैली के दिन कुछ क्षेत्रों में हिंसक रूप ले लिया। जिससे उस दिन हुड़दंग का माहौल रहा। ट्रैक्टर रैली के बाद यूपी गेट पर किसानों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है। खास तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसान भारी संख्या में यूपी के पहुंच रहे हैं।

शामली में महापंचायत के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रोती हुई तस्वीरों के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान उनके पक्ष में लामबंद हो गए हैं। जिसका असर शुक्रवार को यूपी गेट पर देखने को मिला। मंच पर भारी भीड़ है। टेंट फिर से लग गए हैं।

वहीं सुबह से ही विपक्षी दलों के नेताओं का गाजीपुर बॉर्डर पहुंचना जारी रहा। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों को समर्थन देने पहुंचे। वही राकेश टिकैत द्वारा अपने घर का ही पानी पीने की शपथ के बाद शुक्रवार को कई लोग अपने घरों से पानी लेकर यूपी गेट पहुंचे और राकेश टिकैत को पानी पिलाया। किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आंदोलन को फिर से ऊर्जा मिल चुकी है।

गुरुवार रात को यूपी पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर को खाली करवाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और उनके समर्थक वहीं पर डटे रहे। इसके बाद पुलिस को वापस लौटना पड़ा। टिकैत का कहना है कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और वो सरकार के सामने अपने मुद्दे रखेंगे।

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