समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा की गृह राज्य मंत्री के बेटे को पूछताछ के लिए समन भेजना औपचारिकता है और निष्पक्ष जाँच के लिए मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के नेपाल भाग जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।
यादव ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए दो किसानों के परिवारों से मिलने के लिए बहराइच रवाना होने से पहले शुक्रवार को अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ”अजय मिश्रा के बेटे को समन भेजना एक औपचारिकता है। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सरकार जागी है। मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए अन्यथा उनसे पूछताछ करने वाले अधिकारी को पहले उन्हें सलाम मारना होगा और फिर सवाल पूछना होगा और जाने से पहले उन्हें फिर से सलाम करना होगा।”
उन्होंने कहा, ”अगर यह सच है, तो केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और आरोपी को नेपाल से गिरफ्तार करवाना चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने नेताओं द्वारा किए गए अपराधों को छिपाती है और पार्टी में ‘गुलदस्ते’ के साथ उनका स्वागत करती है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए कहा, ”वीडियो और सबूत आ रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शी यह बता रहे हैं कि किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने के पीछे मंत्री का बेटा था। यह ‘दमदार’ (मजबूत) सरकार, जैसा कि इसके विज्ञापनों में दावा किया गया है, केवल ‘ताकतवार’ लोगो के लिए है।”
उन्होंने कहा कि अगर सपा सत्ता में आती है तो सरकार किसानों को करोड़ों रुपये की मदद देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास किसान परिवारों के लिए दो करोड़ रुपये नहीं हैं। अखिलेश ने बृहस्पतिवार को लखीमपुर का दौरा किया था और हिंसा में मारे गए दो किसानों और एक पत्रकार के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि पिछले रविवार (तीन अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।