कोरोना के दूसरे दौर की दस्तक के बीच अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड ने इस बार की अमरनाथ यात्रा की तारीखें घोषित कर दी हैं। यात्रा में शिरकत करने के लिए कोई संख्या की कोई सीमा नहीं रखी गई है। कोरोना से जुड़े गाइडलाइंस के पालन की बात हालांकि जरूर कही गई है। अमरनाथ की वार्षिक यात्रा इस वर्ष 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त (रक्षाबंधन) तक जारी रहेगी। कुल मिलाकर 56 दिन की बाबा अमरनाथ की यात्रा पर देश विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है।
वार्षिक अमरनाथ यात्रा में इस वर्ष आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। यही वजह है कि इस बार यात्रा मार्ग पर रेडियो फ्रिक्वेंसी से यात्रियों की निगरानी की जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से आधार शिविरों, बालटाल और पहलगाम में आवश्यक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालुओं को टैग दिए जाएंगे। इनकी मदद से यात्रा मार्ग के दौरान उन पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं से जुड़ी हर जानकारी का डाटा एकत्रित किया जा सके। अगर किसी आपात स्थिति में श्रद्धालु को कोई मदद चाहिए होगी तो तुरंत उस तक मदद और उपस्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन व उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को राजभवन में सुबह 11 बजे बोर्ड सदस्यों की बैठक बुलाई थी। इसमें यात्रा के शेड्यूल सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। बोर्ड सदस्यों को बैठक में ही एजेंडा दिया गया था। बैठक में जम्मू और कश्मीर संभागीय प्रशासनों को यात्रा से जुड़े बुनियादी ढांचे को तैयार करने के बारे में जानकारी साझा की गई थी। दोनों संभागीय प्रशासन यात्रा की तैयारियां में जुटे हुए हैं। देशभर के कई राज्यों में कोविड संक्रमण की वापसी को देखते हुए इस बार यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।
गौरतलब है कि पिछले दो महीनों से इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा को सफल और पहले से और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर नितेश्वर कुमार की अध्यक्षता में करीब पांच बार बैठकें हो चुकी हैं। इसमें सीईओ नितेश्वर कुमार ने श्रद्धालुओं के पंजीकरण, सुरक्षा के लिए किए जा रहे बंदोबस्त सहित हेलीकॉप्टर सुविधा व यात्रा मार्ग पर लंगरों की व्यवस्था बारे भी रूपरेखा तैयार की है।