सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। उन्होंने लिखा कि किसानों को फसल की लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य मिलना चाहिए लेकिन पूर्व में इस संदर्भ में सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के बावजूद ऐसा नहीं हो रहा है। इस मुद्दे पर अब तक पांच बार आपको पत्र भेजा लेकिन किसी का जवाब नहीं मिला। इस वजह से जनवरी के अंत में रामलीला मैदान में भूख हड़ताल शुरू करने का फैसला लिया है।
हिंदी में लिखे अपने खत में अन्ना ने कहा कि दिल्ली के रामलीला मैदान में सात दिन तक चले उपवास के बाद आपकी सरकार ने 29 मार्च 2018 को लिखित आश्वासन दिया था लेकिन इसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है। आपकी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार किया। यदि इन्हें स्वीकार किया तो इनका पालन भी जरूरी है।
आगे खत में कहा है कि आयोग ने अपनी सिफारिशों में कृषि उत्पादों की लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य देने की बात कही गई है। इसको लेकर 23 मार्च 2018 में उपवास शुरू किया था। 29 मार्च को आपने कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और तत्कालीन महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस को भेजकर पीएमओ का लिखित आश्वासन दिया था।
सामाजिक कार्यकर्ता ने पत्र में लिखा कि लिखित में दिया गया था कि केंद्र सरकार ने फसल की लागत से 50 फीसदी अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है और इसे बजट भाषण में भी शामिल किया गया था लेकिन इनका पालन नहीं किया जा रहा है। किसानों को अपनी लागत से 50 फीसदी अधिक मूल्य नहीं मिल रहा है। यहां तक उन्हें अपनी फसल की लागत भी नहीं मिल रही है।