सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे तीन नए कृषि कानूनों एवं किसानों के समर्थन में शनिवार से अपने गांव रालेगण सिद्धी में आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। अन्ना ने अपने समर्थकों से अलग-अलग जगहों पर अपना अनशन शुरू करने की अपील की है। बताया जा रहा है कि अन्ना को आमरण अनशन से रोकने एवं उन्हें मनाने के लिए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी रालेगण सिद्धी पहुंचने वाले हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस व भाजपा के अन्य नेता सामाजिक कार्यकर्ता को मनाने में जुटे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि वह इस बार अपने निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे। अन्ना हजारे यदि आमरण अनशन पर बैठते हैं तो जाहिर तौर पर सरकार पर दबाव बनेगा।
अपने एक बयान में 84 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘मैं किसानों की अलग-अलग मांगों को लेकर पिछले चार सालों से आंदोलन कर रहा हूं। ऐसा लगता है कि किसानों के मुद्दों पर सरकार उचित निर्णय नहीं ले रही है। सरकार किसानों की मांगों के प्रति संवेदनशील नहीं है। हमने सरकार के सामने अपनी मांगें बार-बार रखी हैं। पिछले तीन महीनों में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री को पांच बार पत्र लिखा है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार के प्रतिनिधि इन मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं लेकिन मांगों पर वे किसी समाधान पर नहीं पहुंचे हैं।’ अन्ना हजारे का यह अनशन रालेगण सिद्धि के यादव बाबा मंदिर में होगा।