Bharat Vritant

पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल जारी किया जा चुका है। इसमें सबसे अहम बंगाल का चुनाव देखा जा रहा है। सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और सत्ता में लंबे समय से आने की राह देख रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कांटे की टक्कर है। ये टक्कर एग्जिट पोल में भी दिखाई दे रहा है। लेकिन, जिस बात को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि भाजपा डबल डिजिट से आगे नहीं बढ़ पाएगी उसे एग्जिट पोल ने झूठा साबित कर दिया है। कई सर्वे एजेंसियों ने कुल 292 सीटों वाले विधानसभा में भाजपा को 130-160 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। इस बात से भाजपा खुश है। वहीं, अब वो अपने एक और प्लान पर काम कर रही है। जिसे प्लान बी माना जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा की नजर टीएमसी के उन नेताओं पर है जो चुनाव से पहले पार्टी को छोड़ना चाहते थे। यदि भाजपा को कम-ज्यादा सीटें आती है तो वो इसे मैनेज करने के लिए ये चाल सकती है।

वही, ममता बनर्जी भी अपने अगले कदम की तैयारी में जुट गई हैं। एग्जिट पोल के मुताबिक अधिकांश एजेंसियों ने टीएमसी को औसतन 150 सीटें दी है। यदि इतनी सीटें पार्टी को मिलती है तो बंगाल में फिर से ममता की सरकार बन जाएगी। लेकिन, खेल बिगड़ भी सकता है। अब ये तय दो मई को होने वाले मतगणना के दिन होगा। देश कोरोना संकट के विकराल रूप से गुजर रहा है। हर ओर तबाही का मंजर छाया हुआ है। ममता बनर्जी की नजर भाजपा के उन नेताओं पर भी है जो पिछले कुछ सालों और चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ कमल का दामन थाम लिए थे। ममता अब उनकी वापसी में भी लगी हुई है। अगर ऐसा होता है तो दोनों दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर कांटे की टक्कर होगी। गौरतलब है कि भाजपा को कई राज्यों में देखा गया है कि विधायकों के तोड़-जोड़ से हारी हुई बाजी जीती है। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के पीछे यही वजह थी। और अन्य राज्यों में भी जहां भाजपा को कम सीटें मिली थी और कांग्रेस को अधिक, वहां भी भाजपा ही सरकार बनाने में सफल रही। गोवा, त्रिपुरा और अरूणाचल प्रदेश में ऐसा देखने को मिला था।